5 Essential Elements For shiv chalisa lyrics in hindi pdf download

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥

क्षम्यतां नाथ, अधुना अस्माकं दोषः अस्ति।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

From Sati came using the ritual “suicide” of widows who were being immolated by their spouse’s kinfolk about the funeral pyre of their partner, frequently because the spouse could divert Portion of the household fortune by marrying A further person, or by returning to her relatives and getting the original dowry with her.

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

नित्त नेम website कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

अयोध्यादास आस कहैं तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

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